Amplifier क्या है। amplifier कैसे work करता है।
Amplifier :-
एम्पलीफायर ( Amplifier) एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट/ डिवाइस है जिसका उपयोग इनपुट सिगनल के वोल्टेज करंट या पावर को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
A Amplifier is an electronic device that increase the voltage, current, or power of a input signal.
J1 = EB - FB
J = CB - RB
Not - Amplifier एक्टिव region में कार्य करता है।
Fig - Amplifier |
एम्पलीफायर ट्रांजिस्टर के लिए ट्रांजिस्टर क्रियात्मक रूप से खुले छेत्र में कार्य करना चाइये इसका मतलब यह है की ammeter बेस जंक्शन फॉरवर्ड बायस्ड में है और कलेक्टर बायस्ड जंक्शन रिवर्स बायस्ड में है।
What is clipper circuit
Single stage amplifier :-
Define:-
जब किसी एक ट्रांजिस्टर का का उपयोग किसी कमजोर सिगनल को amplify करने के लिए किया जाता है तो बह एकल stage एम्पलीफायर कहलाता है
when only one transistor is used to apply for amplify weak signal it is called as multi stage amplifier.
Single stage transistor amplifier का सर्किट डायग्राम :-
जब कोई ट्रांजिस्टर किसी एक काम के लिए उपयोग में लाया जाता है या किसी एक सर्किट में किसी कमजोर सिगनल को उसकी वोल्टेज करंट या पावर को बढ़ाने में मदद करता है तो बह सिंगल स्टेज एम्पलीफायर के रूप में जाना जाता है
नीचे दिए गये एम्पलीफायर के सर्किट डायग्राम में एक ट्रांजिस्टर लगाया गया है और 5 रेजिस्टेन्स का उपयोग किया गया है
Fig - Single stage amplifier |
working :-
सर्किट को इनपुट पावर Vi देने पर सर्किट वर्किंग की अबस्था में आ जाता है सर्किट में एक कपैसिटर (C) ट्रांजिस्टर (T) के बेस बलि पिन से तथा दो रेजिस्टेन्स के मध्य में लगा होता है जब सर्किट को VCC पावर सप्लाई दी जाती है तब आउटपुट पर पूरी पावर प्राप्त नहीं होती अर्थात आउटपुट में गेन घाट जाता है इसी लिए सर्किट में ट्रांजिस्टर की पिन एम्मिटर से एक बाई-पास कपैसिटर (CE) लगाया जाता है जिससे हमारा गेन बढ़ जाता है। कैपेसिटर एक बैटरी की तरह होता है यह पावर को कुछ समय के लिए अपने अंदर स्टोर करता है जब कैपेसिटर फुल चार्ज हो जाता है तब बह पावर को आगे देता है
सर्किट में लोड रेजिस्टेन्स (RL) को कैपेसिटर कपलिंग (Cc) के माध्यम से जोड़ा जाता है यह कपैसिटर ट्रांजिस्टर की कलेक्टर पिन से कनेक्ट किया जाता है।
CE = By Pass Capacitor
Xce =< Re/10
Single stage amplifier का ब्लॉक डायग्राम :-
किसी सर्किट/डिवाइस के इनपुट पर दिया गया सिगनल एक ही बार amplify होता है तो बह सिंगल स्टेज एम्पलीफायर कहलाता है।
fig - block diagram |
सिंगल स्टेज एम्पलीफायर के ब्लॉक डायग्राम के अनुसार एम्पलीफायर के इनपुट पर अगर कोई कमजोर (week) सिगनल दिया जाये और उस सिगनल को सिर्फ एक ही स्टेज से amplify करके आउटपुट लिया जाये तो यह सिंगल स्टेज एम्पलीफायर कहलाता है।
Small signal amplifier are also called as voltage amplifier.
Large signal amplifier are also called as power amplifier.
Large signal amplifier are also called as power amplifier.
Different bitwin analog and digital signal
if-
Vo > Vi
➡Amplifier
Vo < Vi
if-
Vo = Vi
➡Buffer
Fig wave foam |
Gain :-
Av (Voltage gain) = Changing in output / Changing in input
Av = RoB / ri
B = Current
B = IC / IB
Av = RoB / ri
Av = RoB / ri
B = Current
B = IC / IB
Av = RoB / ri
वोल्टेज गेन आउटपुट और इनपुट में वोल्टेज की चेंज का अनुपात होता है। इसे Av से डेनोटे किया जाता है
Advantages of single stage amplifier :-
- इसकी bandwidth बहुत अधिक होती है
- इसकी cost कम होती है
- इसकी आब्रती चौड़ी होती है
- इससे हाई ऑडियो प्राप्त की जा सकती है
- इसके आयाम में कम डिस्टॉरशन होता है
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