01 January 2021

TRANSFORMER:-

Definition:-


 ट्रांसफार्मर एक स्थैतिक (static) डिवाइस है। क्योकि इसमे कोई moving part नहीं होता है। ट्रांसफार्मर का उपयोग electrical energy को एक A.C(Alternating Current) सर्किट से दूसरे A.C सर्किट में ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है ट्रांसफर के समय A.c की आवृत्ति (frequency) में कोई बदलाब नहीं होता है यह सिर्फ वोल्टेज की लेबल को बढ़ा या घटा सकता है। 
नहीं: -वोल्टेज के लेबल को current  की सहायता से ही बढ़ाया या घटाया  जा सकता है। 

ट्रांसफार्मर को नीचे डायाग्राम में प्रदर्शित किया गया है।

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fig - diagram of transformer

उपर दिखाऐ गए ट्रांसफार्मर diagram में ट्रांसफार्मर के भाग को नाम सहित दर्शाया गया है। इसमें भाग (part) को एक - एक लघु फोम में प्रदर्शित किया गया है।
Transformer के दो पार्ट होते है।
1.Core
2.Winding / (coil)

CORE:-

  • ट्रांसफार्मर में स्टील की शीट से core का निर्माण किया जाता है। Core को बनाने के लिए steel कि sheet को एक के उपर एक रखकर lamination किया जाता है।
  • Core की सहायता से primery और secondery magnetic link स्थापित किया जाता है।
  • Core में लगी प्रत्येक steel कि sheet laminated होती है। (वार्निश की परत लगी होती है।) जिसके कारण इलेक्ट्रिकल insulation होता है।
  • Core की permeability बढ़ाने के लिए गर्म (heet) treatment किया जाता है। या सिलिकॉन {silicon (si)} से डोपिंग (doping) ke जाती है।

WINDING:-

  • कॉपर वायर से ट्रांसफार्मर के input और utput साइड पर winding की जाती है। (कॉपर के वायर को steel ke पट्टी (coil) के उपर लपेटा जाता है। Input साइड पर की जाने वाली winding पर A.C supply को जोड़ा जाता है। इस winding को primery winding या primery coil भी कहा जाता है।
  • ट्रांसफॉर्मर के output side पर कॉपर की winding की जाती है इस विंडिंग से लोड(Load) को जोड़ा जाता है। इस विंडिग को secondery winding कहते है।
WORKING PRINCIPLE / TRANSFORMER का कार्य सिद्धांत।
फैराडे के दो नियम होते है। फैराडे के प्रथम नियम के अनुसार। यदि किसी conductor को alternating conducting field में रखा जाय तो emf यूज़ होता है। तथा यदि कंडक्टर close सर्किट में है तो करंट भी inuse होती है।
  • फैराडे के दूसरे नियम के अनुसार। 
Alternating मैगनेट फील्ड के कारन induced emf का मान स्टेट ऑफ़ चेंज ऑफ़ फ्लक्स के directly proposal होता है। induced emf की दिशा मैग्नेटिक फील्ड के बिपरीत होती है। 

                        e ∝ dϕ/dt
                        e = -Ndϕ/dt
    where
                       N = no. of terns in winding
                       ϕ = flux
                       t = time
                       e = induced emf

EMF EQUATION OF TRANSFORMER :-

ट्रांसफार्मर की emf equation को find करने के लिए निम्न स्टेप को फॉलो करना पड़ता है। जब ulternating voltage apply करते है। तो ट्रांसफॉर्मर की प्रथम coil/ winding पर alternating flux deubleper होता है।
. यह ulternating flux core से होकर secondery winding पर link (जुड़ जाता है।) हो जाता है।

         N1 = no. of terns in primery side
         N2 = no. of terns in secondery side
         E1 = emf at primary winding 
         E2 = emf at secondery winding 
         ϕm = maximum flux developal 
         f = frequency of a.c supply 


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fig- waveform

उपर दिए गए waveform फिगर में एक फ्लक्स को ϕ से प्रदरशित किया गया है। जब प्रथम coil को पॉवर दी जाती है। तब flux ϕ का मान +ϕm तक बढ़ जाता है। तथा secondery coil पर output पर flux ϕ का मान -ϕm प्राप्त होता है।
flux की वैल्यू +ϕm से -ϕm तक change होने के लिए (T/4+T/4 = T/2) सेकंड्स लगते है।
      
                T/2 = 1/2f   second 

फैराडे के दूसरे नियम के अनुसार (According to Faraday's second law )
         e = -Ndϕ/dt
         E1 = -N1dϕ/dt
        E2 = -N2dϕ/dt

क्योंकी flux भी sinusaidal फ्लस होगी। (sin waveform होगी)

            ϕ = ϕmsinωt
            E1 = -N1ϕm.d/dt(ϕm sin ωt) 
           E1= -N1ϕm.ω.cos ωt 
           E1 = -N1ϕm.ω.sin(π/2-ωt)
           E1 = -N1ϕmω.sin(-(ωt-π/2))
        
           E1 = N1ϕm.ω.sin(ωt-π/2)

           E2 = N2ϕm.ω.sin(ωt-π/2)

 include emf flux से 90 degree lag करता है। maximum वैल्यू के लिए sinϕ = 1 
         
           E1 max = N1ϕm.ω
           E2 max = N2ϕm.ω

R.M.S.  VALUE:-

R.M.S वैल्यू को E से denote किया जाता है। इस value से ट्रांसफॉर्मर की आरएमएस value find करते है।

            E1 rms = E1 max/√2
                        = N1ϕm.ω/√2
                        = N1ϕm.2πf/√2
                        = N1ϕm.√2πf
                        =N1*ϕm*1.414*3.14*f
                        = 4.439N1ϕm.f

                      E1 rms = 4.439N1ϕm.f

                     E2  rms = 4.439N2ϕm.f
TRANSFORMER RATIO (अनुपात):-
secondry और primery winding का tern ratio transformer ratio (अनुपात) कहलाता है। 

E2 rms/E1 rms = N2/N1 = K

where
                k = transformer ratio
                    = tern ratio1

case first (1)  k>1 , N2>N1 , E2>E1 ,  step up transformer 

जब k का मान 1 से बड़ा होता है। तब secondery coil पर तारो के फेरों की संख्या primery coil पर तारो के फेरों की संख्या से अधिक होगी अर्थात (E2>E1) होगा। तो ट्रांसफॉर्मर स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर होगा।

case second (2) k<1 , N2<N1 , E1>E2 , stepdown transformer

जब k का मान 1 से छोटा है। अर्थात second coil पर तारो के फेरों की संख्या first coil पर तारो के फेरों की संख्या से कम है। तब (E2<E1) होगा। तो ट्रांसफॉर्मर स्टेप डॉउन ट्रांसफॉर्मर कहलायेग।

FORM FACTOR (आकार कारक ):-

  • form factor R.S.M value तथा  average value का ratio होता है। 
           r.m.s value /Erms = 4.4N1ϕ𝞰f
  • form factor wave form की तरंग की साइज आदि physical बिशेषताओ को indicate करता है। 
A.C input 0 से maximum जाने के लिए T/4 = 1/4f sec लेता है। 

average rate of change of flux = ϕm / T/4
               ϕm / T/4 = 4ϕm / T = 4ϕmf

               E1 avg = N1 * 4ϕmf
               form factor = E1 rms/E1 avg

                                = 4.44*N1*ϕmf / N1*4ϕmf

               form factor = 1.11

EFFICIENCY {(कार्य) छमता } :-

Ratio of output and input is called efficiency .
ट्रांसफार्मर में इनपुट और आउटपुट का अनुपात (ratio) को ही efficiency कार्य छमता कहते है। 
efficiency को (%) से दर्शाया जाता है। 
 
            η = output / input * 100%

TRANSFORMING RATING

Rating indicate (सूचित) करती है। की इलेक्ट्रिकल डिवाइस या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर कितना input voltage, output voltage, input current, output current, तथा power है। 


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