27 March 2021

difference between analog and digital signal:-

 Analog:-

  • इसकी प्रकृति समय के साथ लगातार बदलती रहती है। 
इसकी (band with) दक्षता कम होती है।एनालॉग में information समय के अनुसार लगातार एक ही रेंज में संशोधित होती रहती है।
  • इनकी wave form, sinusoidal wave होती है।       
  • एनालॉग सिस्टम पर शोर (सोर) का प्रभाव अधिक होता है।
  • इसमें accuracy low होती  है।
  • इसमें डिजिटल सर्किट का उपयोग नहीं किया जाता है।
  • यह boolean algebra पर आधारित नहीं होता है।
difference between analog and digital signal in hindi
fig waveform

  • इसमें डेटा को स्टोर नहीं किया जा सकता है।और डाटा को करेक्ट भी नहीं किया जा सकता। 
  • एनालॉग में आई सी (I.C) का उपयोग नहीं किया जाता है।
  • एनालॉग सिस्टम की प्रोग्रामिंग नहीं की जा सकती है।
  • इससे डेटा कम गति से मिलता है।
  • एनालॉग सिस्टम आकार में बड़े होते हैं। इनमे बजन अधिक होता है। 

Digital:-

  • इसमें समय के साथ लगातार कोई परिवर्तन नहीं होता है लेकिन इनकी प्रकृति कुछ समय पस्चात बदलती हैं।
  • इनकी wave form ,square wave में प्राप्त होती हैं।
difference between analog and digital signal in hindi
fig - digital wave form

  • इसमें किसी भी information को 0, 1 की form में लिया / प्राप्त किया जाता है।
  • इसमें डाटा अधिक स्पीड से मिलता है। 
  • डिजिटल सिस्टम पर शोर का प्रभाब बहुत कम होता है। 
  • डिजिटल सिस्टम/ सर्किट की दक्षता अधिक होती है। इसमें accuracy high होती है। 
  • इसमें डिजिटल सर्किट का उपयोग किया जाता है

          Smps kya ha

  • ये boolean algebra पर आधारित होते है। 
  • इसमें डाटा को स्टोर किया जा सकता है और उसमे डाटा को डिटेक्ट कर उसको करेक्ट भी किया जा सकता है। डिजिटल में integrated circuit (I.C) का उपयोग किया जाता है। अनेक तरह के ऑपरेशन के लिए अनेक तरह की I.C प्राप्त हो जाती है।जो डिजिटल सिस्टम को सरल और उपयोगी बनातीं है। 
  • ये आकर में छोटे तथा बजन में हल्के होते है। 
  • डिजिटल सिस्टम की प्रोग्रामिंग भी की जा सकती है।डिजिटल सिस्टम को एक इस्थान से दूसरे इस्थान पर शिफ्ट भी किया जा सकता है। 
  • डिजिटल सर्किट को बनाने के लिए अनेक कॉम्पोनेन्ट को एडजस्ट किया जाता है। 

ADVANTAGES OF DIGITAL SIGNAL :-

  • डिजिटल सिग्नल में जो डिवाइस यूज़ की जाती है वे केबल एक ही अबस्था में इस्थित रहती है अर्थात वे या तो on रहेंगे या फिर off  जिस कारन हमे डिजिटल सिस्टम को समझने में आसानी होती है। 
  •  डिजिटल सर्किट में ऑपरेशन की संख्या कम होती है जिस कारन हम उनहे आसानी से जान पाते है
  • अलग-अलग i.c यूज़ काने से डाटा accurate और हाई स्पीड से मिलता है
  • यह टेक्निकल बूलियन पर आधारित है। इन्हे सॉल्व करना आसान होता है। 
  • इसमे i.c उपयोग की जाती है। 

APPLICATION OF DIGITAL SIGNAL :-

Transformer kiya ha 

  • audio तथा speech सिग्नल प्रोसेसिंग में 
  • डिजिटल इमेज, वीडियो प्रोसेसिंग में 
  • डिजिटल कैलकुलेशन में 
  • सिस्टम को कंट्रोल करने में 
  • बायो मेडिकल प्रोसेसिंग में 
  • स्पेक्ट्रल कैलकुलेशन में 
  • sonar तथा radar सिग्नल प्रोसेसिंग में 

sonar signal:-

सोनार का उपयोग समुन्द्र में बड़े-बड़े जहाज़ों में किया जाता है सोनार की तरंगो के द्वारा जल में उपस्थित किसी भी बस्तु के आकार को एक स्क्रीन पर प्रदर्शित कर देती है तथा दुरी को भी बता देती है। अर्थात सोनार सिग्नल का उपयोग जल के अंदर किया जाता है। 

radar signal:-

radar सिग्नल बह सिग्नल है जिसका उपयोग पृथ्वी के ऊपर किया जाता है। इसे रेडियो तरंगे कहा जाता है इनके उपयोग से हबा में उपस्थित किसी बस्तु की आकर्ति या इस्थिति को जानने के लिए किया जाता है। 
रेडियो सिग्नल बाइयू-यान में किया जाता है। 

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