31 December 2021

Clipper circuit and its types:-

Clipper:-


क्लिपर एक ऐसा उपकरण है जो एक निश्चित स्तर से ऊपर या नीचे तरंग रूप (इनपुट सिग्नल वोल्टेज) के कुछ हिस्से को सीमित करता है, हटाता है, या रोकता है। 

 (क्लिपर एक उपकरण है जिसका उपयोग तरंग रूप को क्लिप करने के लिए किया जाता है।) 
A clipper is a device which limits remove or prevents some portion of the wave form (input signal voltage) above or below a certain level.
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Clipper type diagram

(Clipper is a device which is used to clip the wave form.)

Series clipper:-

series clipper में diode और resistor को सीरीज क्रम में जोड़ा जाता है। 

Unbiased series positive peak clipper:-

जब एक resistor को डा parallel योड के साथ सीरीज क्रम में इस प्रकार जोड़ा जाता है की डायोड के पॉजिटिव end पर resistor को ऐड किया जाता है। और इस सर्किट के आधार (biased) में कोई अलग से पावर के लिए बैटरी (battery) भी नहीं लगी होती। इसलिए यह unbiased सीरीज पॉजिटिव पीक क्लिपर कहलाता है 
इस सर्किट में 2 केस हो सकते है 
case 1st  
जब सर्किट में पॉजिटिव हाफ cycle apply होती है तब diode reverse biased हो जाता है तथा circuit open सर्किट की तरह काम करता है जिस कारन आउटपुट पर (0) वैल्यू प्राप्त होती है। अर्थात :-
Vi > 0
Vo = 0
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Unbiased series positive peak clipper

Case 2nd
अब सर्किट में नेगेटिव हाफ साइकिल अप्लाई करने पर डायोड के अबस्था forward biased  में हो जाती है और सर्किट, शार्ट सर्किट की तरह वर्क करने लगता है जिस उपरांत आउटपुट पर मिलने बाली वैल्यू इनपुट वैल्यू के बराबर होती है अर्थात :-
Vi < 0
Vo = Vi

Unbiased series negative peak clipper :-

जब एक डायोड को resistor के साथ सीरीज क्रम में जोड़ा जाता है तो यह Unbiased series negative peak clipper कहलाता है। इस सर्किट में extra पावर हेतु इसके आधार में अलग से कोई बैटरी नहीं लगी होती है।
इस सर्किट में दो cases को अप्लाई किया जाता है 
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Unbiased series negative peak clipper

Case 1st
जब सर्किट में लगे डायोड पर पॉजिटिव हाफ साइकिल अप्लाई होती है तब डायोड डायोड forward biased  हो जाता है डायोड के फॉरवर्ड बायस्ड होने पर सर्किट शार्ट सर्किट की तरह वर्क करने लगता है जिस कारन इनपुट पर दी गई वैल्यू आउटपुट पर समान प्राप्त होती है अर्थात :-
Vi > 0
Vo = Vi 
case 2nd
अब सर्किट में नेगेटिव हाफ साइकिल अप्लाई करते है जिस कारन डायोड reverse biased  में हो जाता है तथा सर्किट ओपन सर्किट की तरह ब्यबहार करने लगता है और आउटपुट पर वैल्यू (०) प्राप्त होती है। अर्थात :-
V i < 0
Vo = 0

Biased series positive peak clipper:-

जब एक डायोड के पॉजिटिव सिरे से resistor को battery के साथ सीरीज क्रम में जोड़ा जाता है तब बह biased सीरीज  पॉजिटिव पीक क्लिपर कहलाता है। इस सर्किट के आधार में अलग से एक बैटरी को जोड़ा जाता है जिस कारन सर्किट में अलग से पावर की सप्लाई की जा सके। इसमें बैटरी के नेगेटिव एन्ड को ऊपर तथा  पॉजिटिव एन्ड को नीचे की तरफ जोड़ा जाता है। इनपुट वोल्टेज Vi  की सप्लाई देने पर Vo आउटपुट वोल्टेज प्राप्त किये जा सकते है। अर्थात :- इस सर्किट में 2 अबस्थाये हो सकती है 
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Biased series positive peak clipper
Case 1st 
जब इस सर्किट में negative हाफ साइकिल अप्लाई करते है तब डायोड फॉरवर्ड बायस्ड में होता है तब सर्किट शार्ट सर्किट की तरह वर्क करेगा। तथा आउटपुट पर वैल्यू इनपुट के बराबर प्राप्त होगी क्योकि इनपुट वोल्टेज (Vi) का मान बैटरी से कम है अर्थात :-
Vi < E 
Vo = Vi 
Case 2nd 
अब इस सर्किट में positive हाफ साइकिल अप्लाई करने पर डायोड reverse biased में चला जाता है तब  सर्किट open सर्किट की तरह कार्य करेगा जिस कारन आउटपुट पर वैल्यू battery के (-) मान के बराबर प्राप्त होगी। 
अर्थात :-
Vi > E 
Vo = -E 
यहाँ पर (-) sign इसलिए लिया है क्योकि battery का negative end ऊपर है।   

 Biased series negative peak clipper:-

इस सर्किट में एक डायोड के नेगेटिव सिरे से resistor को एक अतरिक्त (बैटरी सप्लाई) के साथ सीरीज में जोड़ा जाये तो बह biased सीरीज नेगेटिव पीक क्लिपर कहलाता है 
इस सर्किट में बैटरी के पॉजिटिव सिरे को ऊपर रखा जाता है और नेगेटिव सिरे को नीचे की तरफ रखा जाता है.पॉजिटिव सिरे के साथ ही resistor को add (जोड़ा) जाता है। जब सर्किट में इनपुट वोल्टेज की सप्लाई दी जाती है तब आउटपुट प्राप्त होता है। इस सर्किट में 2 अबस्थाये निम्न प्रकार से हो सकती है। 
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Biased series negative peak clipper

Case 1st 
जब क्लिपर सर्किट में नेगेटिव हाफ साइकिल को अप्लाई किया जाता है तब डायोड reverse बायस्ड होता है और ओपन सर्किट की तरह वर्क करता है जिस कारन आउटपुट सर्किट में लगी बैटरी (E) के मान के बराबर मिलता है अर्थात:- इनपुट वोल्टेज का मान battery से कम होता है। 
Vi < E 
Vo = E 
Case 2nd 
अब सर्किट में पॉजिटिव हाफ साइकिल  अप्लाई करने पर सर्किट में लगा डायोड forward biased हो जाता है तथा शार्ट सर्किट की तरह काम करता है जिससे आउटपुट, इनपुट के बराबर मिलता है शार्ट सर्किट होने पर इनपुट वोल्टेज Vi का मान E  से अधिक होता है। 
Vi > E 
Vo = Vi 

Parallel diode clipper:-

जब एक diode को resistor के साथ parallel में जोड़ा जाता है तब parallel diode clipper कहलाता है इन सर्किट से आउटपुट डायोड के across ली जाती है। 

Unbiased Parallel diode positive peak clipper:-

इस सर्किट में जब एक डायोड की पॉजिटिव साइड पर एक resistor को पैरेलल में जोड़ा जाये तब बह सर्किट parallel डायोड पॉजिटिव पीक क्लिपर कहलाता है।  
जब एक resistor को डायोड के पॉजिटिव साइड में जोड़ा जाये तब सर्किट में पावर देने पर आउटपुट वोल्टेज का मान इनपुट वोल्टेज के मान पर निर्भर करता है। इस सर्किट में भी 2 अबस्थाये हो सकती है। 
Case  1st 
इस सर्किट में जब पॉजिटिव हाफ cycle अप्लाई होती है तो डायोड forward biased में होता है तथा सर्किट, शार्ट सर्किट की तरह वर्क करता है जिससे आउटपुट (0) मिलता है। अर्थात :-
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Unbiased parallel diode positive peak clipper

Vi > 0
Vo = 0
Case 2nd 
अब सर्किट में इनपुट की नेगेटिव हाफ साइकिल अप्लाई की जाती है जिस कारन  डायोड Reverse biased में होता है तथा सर्किट ओपन सर्किट की तरह वर्क करेगा तथा आउटपुट पर value इनपुट के बराबर मिलता है। अर्थात :-
आउटपुट , इनपुट के बराबर मिलता है। 
Vi < 0
Vo = V i

Unbiased parallel diode negative peak clipper:-

इस सर्किट में एक resistor को डायोड के नेगेटिव सिरे से पैरेलल में जोड़ते है जिस कारन सर्किट पैरेलल डायोड नेगेटिव पीक क्लिपर कहलाता है। इस सर्किट में diode की पोजीशन को चेंज कर देते है जिस कारन resistor डायोड के नेगेटिव साइड में ऐड किए जाते है। जब इस क्लिपर सर्किट को पावर प्रोवाइड कराइ जाती है तब यह 2 case में कार्य करता है अर्थात इसमें 2 केस हो सकते है। 
Case 1st 
इस सर्किट में पॉजिटिव हाफ साइकिल अप्लाई करने पर डायोड reverse biased में हो जाता है और open सर्किट की तरह वर्क करता है अर्थात इनपुट। आउटपुट के equal मिलता है। 
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Unbiased parallel diode negative peak clipper

Vi > 0
V o = Vi
Case 2nd
अब  सेष बचे सर्किट में नेगेटिव हाफ साइकिल अप्लाई करने पर डायोड फॉरवर्ड biased में चला जाता है तथा शार्ट सर्किट की तरह वर्किंग करने लगता है जिससे आउटपुट पर (0) वैल्यू प्राप्त होती है 
Vi < 0
Vo = 0

Biased parallel diode positive peak clipper:-

इस क्लिपर सर्किट में एक resistor डायोड के साथ पैरेलल में लगा होता है तथा इसमें एक बैटरी भी लगी होती है जो डायोड के साथ पैरेलल में जुडी होती है। इस सर्किट में पावर 2 टाइप से कार्य करती है 
case 1st
इस सर्किट में इनपुट से नेगेटिव हाफ साइकिल अप्लाई होती है। जिस कारन Doide Reverse biased में होता है तथा आउटपुट पर वैल्यू, इनपुट के बराबर मिलती है। 
Vi < 0
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Biased parallel diode positive peak clipper

V o = vi
Case 2nd 
अब  सर्किट में positive हाफ साइकिल अप्लाई होती है तो डायोड फॉरवर्ड बायस्ड में रहता है तथा डायोड शार्ट सर्किट की तरह वर्क करने लगता है जिसमे आउटपुट E के बराबर रहता है। 
Vi > 0
Vo = E

Biased parallel diode negative peak clipper:-

सर्बप्रथम इसमें हम डायोड की साइड को चेंज कर देते है और बैटरी के नेगेटिव सिरे को ऊपर की और कर देते है इसमें डायोड की पॉजिटिव साइड की तरफ बैटरी के नेगेटिव साइड को जोड़ा जाता है। इस सर्किट में पावर 2 तरह से वर्क करती है अर्थात :-
Case 1st 
जब input की पॉजिटिव हाफ साइकिल में डायोड रिवर्स बायस्ड में रहेगा तब  सर्किट ओपन सर्किट की तरह कार्य करने लगेगा। तब आउटपुट , इनपुट के बराबर मिलेगा। 
Clipper circuit Working | diode clipper |
fig - Biased parallel diode negative peak clipper

Vi > E
V o = Vi

Case 2nd

अब सर्किट में नेगेटिव हाफ साइकिल अप्लाई होती है तो डायोड फॉरवर्ड बायस्ड में रहता है तथा सर्किट शार्ट सर्किट की तरह वर्क करेगा। अर्थात :-

Vi < E
V o = -E

यहाँ पर (-) सिग्न  इसलिए लिया गया है क्योकि बैटरी का (-) एन्ड ऊपर की तरफ है। 
क्लिपर सर्किट की वेव फॉर्म को देखने के लिए oscilloscope डिवाइस का उपयोग किया जाता है जिस कारन हमे ये पता चलता है की तरंग रूप ऊपर है या नीचे। 
क्लिपर सर्किट को devices की मदद से उपयोग में लाया जा सकता है। 

People also ask Q/A

1.What is clipper circuit and its types?

क्लिपर एक ऐसा उपकरण है जो एक निश्चित स्तर से ऊपर या नीचे तरंग रूप (इनपुट सिग्नल वोल्टेज) के कुछ हिस्से को सीमित करता है, हटाता है, या रोकता है। 
 (क्लिपर एक उपकरण है जिसका उपयोग तरंग रूप को क्लिप करने के लिए किया जाता है।) 
A clipper is a device which limits remove or prevents some portion of the wave form (input signal voltage) above or below a certain level.
it's two type 
1.Series clipper
2.Shunt Clipper

No comments:

Post a Comment