Computer के निम्न पार्ट :-
कंप्यूटर :-
computer हार्डवेयर से
सम्बन्धित कुछ मेन पार्ट के बारे में बताया गया है बेसिक तोर पर हार्डवेयर वे सभी
पार्ट होते है जिनको हम अपने हातो से स्पर्स कर सके| computer में अनेक component
को एक साथ मिलाकर एक सिस्टम तैयार किया जाता है इन component को आपस में कनेक्ट
करने के लिए वायर का इस्तमाल करना पड़ता है इन वायर को पार्ट से जोडकर मदर बोर्ड
में और एसएमपीएस में जोड़ा जाता है
computer hardware components:-
HDD
SSD
DVD
UPS
SMPS
RAM
ROM
LED/LCD
MOUSE
KEYBOARD
PROCESSOR
COOLING FAN
CONNECTION PORT
MOTHER BOARD
computer से related सभी
पार्ट के important point को बताया गया है जैसे computer में कितने पार्ट को जोड़
कर एक पूरा सिस्टम तैयार होता है, और उनको किस तरह कनेक्ट किया जाता है
short essay on external hardware
important point:-
- cpu के अंदर सभी पार्ट को आसानी से अलग (हटाया) भी किया जा सकता है और उन्हें लगाया भी जा सकता है
- किसी भी component के ख़राब होने की इस्थिथि में उसको हटाकर न्यू component को आसानी से लगाया जा सकता है
- cpu में कनेक्शन के लिए cpu के पीछे कनेक्टेड पॉइंट दिए होते है
cpu |
- cpu से स्मार्ट फ़ोन के केबल को कनेक्ट करके अपने स्मार्ट फ़ोन को चार्ज भी किया जा सकता है और साथ में स्मार्ट फ़ोन के डाटा को ट्रान्सफर भी कर सकते है
- स्मार्ट फ़ोन के केबल की मदद से इन्टरनेट को कनेक्ट किया जा सकता है
- cpu को सदेव स्टैंड की पोजीशन में रखना चाइये क्योकी उसमे लगे component के वायर हिल सकते है और पॉवर डिसकनेक्ट हो सकती है
- cpu में पॉवर देने से पहले वोल्टेज चेक कर ले
- पॉवर अधिक होने की इस्थिथि में उसको कम कर दे जिससे component को ख़राब होने से बचाया जा सके
- cpu को हेमेसा यूपीएस से ही कनेक्ट करके पॉवर सप्लाई देनी चाइये
- hdd का उपियोग cpu के अंदर और बाहर भी आसानी से कर सकते है
- hdd के अंदर एक गोल डिस्क लगी होती है जिसको अनेक परतो में बनाया जाता है और उस गोल डिस्क के अंदर ही डाटा को स्टोर किया जाता है
- हार्ड डिस्क में जो डाटा स्टोर होता है वो डिजिटल डाटा 0 या 1 की फोम में सेव होता है {डिजिटल डाटा में (0 और 1 को बाइनरी नंबर में बताया गया है)}
- हार्ड डिस्क में maximum पॉवर आने से डाटा लोस हो जाता है क्योकी अधिक पॉवर से hdd ख़राब हो जाती है
- cpu में लगी hdd drive temporary (यह डिवाइस लगाई और हटाई भी जा सकती है) होती है और ssd drive मेमोरी की तरह होती है
- hdd में पॉवर के लिए 4 वायर का उपियोग किया जाता है जिनमे 1 वायर red कलर की,1 वायर yello कलर की,और 2 वायर black कलर की होती है
- इन वायर में color कोड के अनुसार पॉवर सप्लाई होती है
- red वायर से 5 volt और yellow वायर से 12 volt की पॉवर सप्लाई provide की जाती है
- hdd में लगी वायर को sata केबल के नाम से जाना जाता है
- डाटा को स्टोर करने के लिए signal connector cable का उपियोग किया जाता है
- इसका आकार hdd drive के आकार से छोटा होता है
- यह ram के आकार में दीखने बाली एक drive होती है
ssd drive |
- यह drive अनेक परतो से बनी होती है
- इसका बजन hdd की तुलना में काफी कम होता है
- इसमें hdd के मुकाबले पॉवर काफी कम यूज़ होती है
- pata केबल को कनेक्ट करने के लिए hdd के समान इसमें भी 15 पिन को दिया गया है जिसको एक स्विच के द्वारा 4 वायर का कनेक्शन करता है
- इसका उपियोग सिर्फ cd/dvd की डिस्क को read करने के लिए किया जाता है
- इसके उपियोग से इनपुट डाटा को डेस्कटॉप पर देखना आसान होता है
- computer में उपिस्थित डाटा को disc के द्वारा ट्रान्सफर किया जा सकता है
- डिस्क को इनपुट और output के लिए बटन का इस्तमाल किया जाता है
- dvd में डाटा कलर कोड के रूप में स्टोर होता है अर्थात जो cd के पत्ते पर कलर देखाई देता है उस कलर कोड के रूप में ही हम अपने डाटा को स्टोर कर पाते है
- cd के पत्ते से कलर कम होने से डाटा का लोस होता है
how many types of computer hardware question
- यूपीएस की सहायता से computer को पॉवर कट होने के बाद भी आसनी से shut down कर सकते है
ups |
- computer में उपिस्थित विंडो की सेफ्टी को बढाया जा सकता है
- फाइल को आसानी से save किया जा सकता है
- यूपीएस में लगी 2 पॉवर बैकअप बैटरी की सहायता से dc पॉवर को ac पॉवर में कन्वर्ट करके आगे बाले object को देता है
- यह पॉवर की सप्लाई के साथ-साथ dc करंट को स्टोर भी करता है और समय समय पर पॉवर की पूर्ती भी करता है
- इसका अधिकतर उपियोग pc में ही किया जाता है
- इसको मिनी इन्वर्टर के नाम से भी जाना जाता है
- यूपीएस के down होने पर उसमे अलार्म भी बजने लगता है जिससे हमे पॉवर का संकेत मिलता है
- एसएमपीएस की सहायता से सभी पार्ट को उनके वैल्यू के अनुसार पॉवर provide करता है
- सभी पार्ट का कनेक्शन पॉवर हेतु एसएमपीएस से होता है
- हीटिंग से बचने के लिए इसमें एक कुलिंग फेन भी लगा होता है
- computer में जाने बाली पॉवर सबसे पहले एसएमपीएस में आती है जिसको यह आगे कन्वर्ट करके भेजता है
- एसएमपीएस को पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स टोपोलॉजी के नाम से भी जाना जाता है
- एसएमपीएस में 2 स्टेज होते है पहला स्टेज ac पॉवर को dc पॉवर में कन्वर्ट करता है और दूसरा स्टेज dc पॉवर को desired dc output पॉवर में बदलता है
यह एक ऐसी मेमोरी होती है जिसके द्वारा computer में उपस्थित सॉफ्टवेर जो ram मेमोरी में स्टोर होते है इस मेमोरी को primary मेमोरी के नाम से जाना जाता है
- ram की स्टोरेज मिनिमम 512 mb तक होती है
- सिस्टम में उपियोग की जाने बाली ram 1gb से 2gb तक की होती है जिसको आगे बढाया जा सकता है
- सिस्टम में ram का उपियोग सिस्टम में उपस्थित सॉफ्टवेर को स्टोर करने के लिए किया जाता है जब सिस्टम में अधिक सॉफ्टवेर को इनस्टॉल किया जाता है तो वे सॉफ्टवेर सीधे ram में स्टोर होते रहते है
- ram का आकार स्माल होता है इसको स्लॉट में लगाने के बाद इसे हटाया भी जा सकता है
- रोम का इस्तमाल computer में फाइल को पढने के लिए किया जाता है
- यह मेमोरी permanent मेमोरी होती है
- सिलिकॉन की अनेक परत को मिलाकर एक स्टोर drive तैयार की जाती है जिसमे डाटा को स्टोर किया जाता है
- रोम को साधारण तोर पर कई बर्गो में बीभाजित किया गया है जैसे- PROM,EPROM,EEPROM आदि
Rom types |
- इस मेमोरी में डाटा स्टोर नहीं किया जाता
- led/lcd में अंदर की परत को glass से तथा बहार की परत को फाइबर/प्लास्टिक की मदद से बनाया जाता है
- इनमे पिक्चर tube का इस्तमाल नहीं किया जाता जबकि इसमें कलर कोड tube का इस्तमाल होता है
- इनकी हार्डवेयर प्लेट पर अनेक तरह की ic का इस्तमाल किया जाता है
- डिस्प्ले ब्राइटनेस को कंट्रोल किया जा सकता है
- led/lcd में डाटा को शो करने के लिए केबल को सिस्टम में इनपुट कराया जाता है
- led/lcd में फुल पिक्चर क्वालिटी होती है
- इसमें पॉवर का इस्तमाल कम होता है क्योकी इसमें led backlight का इस्तमाल किया जाता है
mouse एक प्रकार का
कंट्रोलर डिवाइस है जिसका कार्य सिस्टम में उपिस्थित सभी सॉफ्टवेयर को रन कराने
में सहायता करता है mouse का आकार छोटा होता है mouse का निर्माण एक चूहे से किया
गया इसलिए इसको mouse के नाम से जाना जाता है सिस्टम से लगा ये डिवाइस बहुत ही
रोचक होता है जिसको चलाना आसान होता है
- mouse में 2 बटन लगे होते है
- ऑप्टिकल mouse में गोल पहिये के आकार में एक बटन लगा होता है जिसका उपियोग फाइल को up और down करने में किया जाता है
- ऑप्टिकल mouse में errow के निसान को इंटरफ़ेस करने के लिए mouse के नीचे लाइट सेंसर का उपियोग किया जाता है
- mouse में लगे left बटन की मदद से फाइल को सेलेक्ट कर के ओपन किया जाता है
- right बटन से computer फंक्शन को रिफ्रेश किया जाता है
- mouse में सबसे जयादा left बटन का इस्तमाल किया जाता है
- इसको 3d ऑप्टिकल mouse के नाम से जाना जाता है
- ऑप्टिकल mouse में usb केबल का इस्तमाल किया जाता है
अनेक तरह की key/बटन से
मिलकर एक तरह का डिवाइस तैयार किया जाता है जो कीबोर्ड के नाम से जाना जाता है इस
कीबोर्ड की मदद से computer में टाइपिंग को करना आसान होता है
- कीबोर्ड में लगे capslock की मदद से सभी सब्दो को बड़े अक्षरों में लिखा जा सकता है
- बोर्ड में उपिस्थित F5 key की मदद से सिस्टम को रिफ्रेश किया जाता है
- विंडो + L की मदद से स्क्रीन को lock किया जाता है
- विंडो + की मदद से सॉफ्टवेर को ज़ूम किया जाता है
- कीबोर्ड में 3 लाइट लगी होती है जिनमे पहली लाइट नार्मल होती है और सेस 2 लाइट का कनेक्शन key से होता है
- कीबोर्ड 2 टाइप के होते है 1. wired keyboard 2. wireless keyboard
motherboard में उपिस्थित
प्रोसेसर की सहायता से किसी भी फाइल या सॉफ्टवेर को बहुत कम समय में और तेज़ी से
ओपन करने में सहायक होता है
- सभी computer में प्रोसेसर अलग अलग प्रकार के होते है
- नीचे अनेक तरह के प्रोसेसर को बताया गया है
- intel 8086 में 40 पिनो को लगाया गया है
- original पेंटियम में 273 को लगाया गया है
- opteron 6000 सीरीज सर्वर प्रोसेसर में 1974 pin को लगाया गया है
- पुराने पेंटियम में 478 पिन लगी होती है
- पेंटियम 4 fc-pga में 423 पिन लगी होती है
- core i7 में 2011 पिन लगी होती है
- bulldozer प्रोसेसर में 9412 पिन लगी होती है
- A4, A6, A8, A10 बाले प्रोसेसर में 904 पिनो को रखा गया है
सिस्टम में लगे कुलिंग फेन
की मदद से component को हीट/गरम होने से बचाता है जिससे component सुरक्षित रहते
है
- computer में 2 कुलिंग फेन लगे होते है पहला कुलिंग फेन एसएमपीएस में और दूसरा फेन प्रोसेसर पर लगा होता है
- कुलिंग फेन गर्म हवा को बहार निकालने का कार्य करता है जिससे component ख़राब न हो पाए
led/dvd को कनेक्ट करने के
लिए बड़े केबल का इस्तमाल करना उचित होता है जिनमे काफी सारी पिन लगी होती है
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